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मतदाता सूची में नाम जुड़वाएं जो युवा मतदाता 1 जनवरी को 18 वर्ष के हो रहे ऐसे युवा मतदाता अग्रिम आवेदन करें

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सभी अधिकारी फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य को गंभीरता से लें : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सिंह मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम-2025 👉 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा नाम जुड़वाने अग्रिम रूप से कर सकते हैं आवेदन वास्तविकता दर्शन समाचार, बुधवार 04 सितम्बर 2024           भोपाल। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह ने बुधवार को सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण- 2025 के अंतर्गत जिलों में चल रही प्री-रिवीजन गतिविधियों के संबंध में चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए।          उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य को गंभीरता से लें। बीएलओ अनिवार्य रूप से मतदाताओं के घर-घर जाकर सर्वे करें और प्रतिदिन की प्रगति की रिपोर्ट दें। मतदाता सूची में किसी भी मृत व्यक्ति का नाम न हो, यह सुनिश्चित करें।         मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण- 2025 के अंतर्गत प्रारंभिक गतिविधियां बीते माह 20 अगस्त से शुरू हो गई हैं। इस दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑ

भारत में एक जगह ऐसी है, जहां उल्टी गंगा बहती है जाने कहां?

वास्तविकता दर्शन समाचार, 6 सितंबर 2020


     इंदौर। भारत में एक जगह ऐसी है जहां डेढ़ किलोमीटर तक गंगा उल्टी बहती है, वह स्थान है वाराणसी के घाटों का किनारा। गंगा में जब पानी अधिक बढ़ जाता है तब मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक गंगा नदी उल्टी बहने लगती है। इन घाटों के बीच में हरिश्चन्द्र घाट सहित लगभग 45 घाट आते हैं। उल्टी बहने की स्थिति लगभग आधा से एक घंटे तक रहती है और वाकायदा पानी उतरता है अर्थात् जिस निशान पर पहले पानी बह रहा होता है उल्टी बहने पर दो से तीन फीट नीचे बहने लगता है। ये स्थिति भदैनी घाट के निकट जैन घाट की है। हरिश्चन्द्र घाट पर एक मीटर के लगभग पानी उतर जाता है। यह मंजर लोग घंटों तक घाट किनारे खड़े होकर निहारते रहते हैं। 


     वाराणसी में गंगा नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर है। लेकिन यहां नगर के किनारे किनारे गंगा धनुषाकार में बहती हुई, दक्षिण दिशा से आकर पूर्व फिर पूर्वोतर की ओर घूम जाती है। आगे जाकर पुनः उत्तर दिशा की ओर रास्ता बनाती है। यहां घुमाव होने के कारण ही यह आश्चर्यकारी प्रक्रिया होती है। अधिक पानी आने के कारण गंगा का जल वेग से आता है। दशाश्वमेध घाट के पास अधिक घुमाव है, यहां पानी टकराता है, इस कारण भंवर सी बनती है। टकराने के कारण कुछ धारा उल्टी लौटती है, उल्टी धारा का बहाव भी इतना तेज होता है कि वह लगभग डेढ़ किलोमीटर तक उल्टा ही बहता रहता है, इस कारण पानी उतरता है। कुछ देर वाद पुनः सीधा बहने लगता है। यह प्रक्रिया थोड़ी थोड़ी देर से निरन्तर होती रहती है। गंगा में बाढ़ होने पर ही यह प्रक्रिया होती है। सामान्य समय में गंगाजी वाराणसी में शांत बहती हैं।


रिपोर्ट -डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर, 9826091247


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